क्या देख सकते हैं पूर्व जन्म को?

शिमला। क्या सच में पूर्व जन्म देखा जा सकता है? यह सवाल उठ रहा है शिमला में चल रहे एक अनोखे काल योग शिविर से। इसमें आचार्य महेंद्र कृष्ण शर्मा पूर्व जन्म दिखाने का दावा कर रहे हैं। हालांकि, इस दावे से मनोवैज्ञानिक और पुराणवक्ता कतई सहमत नहीं हैं।
आचार्य महेंद्र कृष्ण शर्मा की काल योग संस्था के इस तीन दिवसीय शिविर का बुधवार को समापन किया जा रहा है। अब तक इसमें आधा दर्जन से ज्यादा लोग अपने ऊपर प्रयोग कर चुके हैं। अग्रवाल धर्मशाला मेें पूर्व जन्म में जाने के इच्छुक व्यक्ति को लिटाया जाता है। उसकी आंखों में काली पट्टी बांधी जाती है। सिर ढक दिया जाता है। लंबी-लंबी सांस लेने की क्रिया के साथ ही आचार्य महेंद्र कृष्ण शर्मा मंत्रोच्चारण शुरू करते हैं। वह मंत्रोच्चारण और अपनी बात पर ध्यान देने की बात करते हैं। पंद्रह मिनट से लेकर आधे घंटे के बाद लोग खुद ही अपने बारे में बताना प्रारंभ कर देते हैं। इसमें कई लोग रोचक खुलासे भी करते हैं। मनोवैज्ञानिक, पुराणवक्ता और इस विधि को खारिज करने वाले अन्य लोगों की दलीलों को शिविर संचालक मानने को तैयार नहीं हैं। वे इसे सिद्धों का ज्ञान बताते हैं। इसे सम्मोहन नहीं मान रहे।
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आंखों देखी
मंगलवार को एक युवक ने बताया कि अग्रवाल धर्मशाला में इस प्रयोग के दौरान उसे अजब सी नींद महसूस हुई। इसके बाद उसकी स्मृति में जो-जो बातें आती गईं, वह बताता गया। उसने क्या कहा, उसे लगभग सब याद है। उसकी स्मृति में जो बातें आईं, वे पूर्व जन्म से जुड़ी थीं कि नहीं, उसे नहीं पता। पर आचार्य महेंद्र ने कहा कि उसने पूर्व जन्म ही देखा है। एक दिन पूर्व सोमवार को एक युवती ने भी माना कि उसने अपना पूर्व जन्म देखा है।

हिप्नोटिक ट्रांस होती है यह
हिमाचल विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर डा. एसएन घोष ने कहा कि विज्ञान पूर्व जन्म दिखाने की ऐसी किसी क्रिया से सहमत नहीं है। उनके अनुसार उन्होंने आचार्य का कार्यक्रम नहीं देखा है। हालांकि हिप्नोटिक ट्रांस से अर्द्धचेतन मन में दर्ज रिमोट मेमोरी खुलती है। इसमें बचपन तक की स्मृतियां सामने आ सकती हैं।

पुराणवक्ता भी इसके पक्ष में नहीं
पुराणवक्ता एवं राजकीय संस्कृत महाविद्यालय नाहन के प्रधानाचार्य आचार्य बुद्धि राम शर्मा ने बताया कि भारतीय शास्त्रों में इस तरह से पूर्व जन्म में ले जाने की किसी प्रायोगिक प्रक्रिया का वर्णन नहीं आता, जिसे आज भी कर सकें। यह सम्मोहन ही हो सकता है।

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